पीड़ा के विषय में बाइबल के पद

 

पीड़ा के विषय में बाइबल के पद

 

परमेश्वर पीड़ा क्यों होने देते हैं? बाइबल के ये पद पीड़ा के समय, परमेश्वर की इच्छा समझने और उनमें आस्था बनाये रखने में आपकी मदद करेंगे।

 

 

रोमियों 8:28
हम जानते हैं कि जो लोग परमेश्‍वर से प्रेम रखते हैं, उनके लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती हैं; अर्थात् उन्हीं के लिये जो उसकी इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं।

 

भजन संहिता 57:1
हे परमेश्‍वर, मुझ पर अनुग्रह कर, मुझ पर अनुग्रह कर, क्योंकि मैं तेरा शरणागत हूँ; और जब तक ये विपत्तियाँ निकल न जाएँ, तब तक मैं तेरे पंखों तले शरण लिए रहूँगा।

 

रोमियों 8:37-39
परन्तु इन सब बातों में हम उसके द्वारा जिसने हम से प्रेम किया है, जयवन्त से भी बढ़कर हैं। क्योंकि मैं निश्‍चय जानता हूँ कि न मृत्यु, न जीवन, न स्वर्गदूत, न प्रधानताएँ, न वर्तमान, न भविष्य, न सामर्थ्य, न ऊँचाई, न गहराई, और न कोई और सृष्‍टि हमें परमेश्‍वर के प्रेम से जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी।

 

रोमियों 5:3-5
केवल यही नहीं, वरन् हम क्लेशों में भी घमण्ड करें, यह जानकर कि क्लेश से धीरज, और धीरज से खरा निकलना, और खरे निकलने से आशा उत्पन्न होती है; और आशा से लज्जा नहीं होती, क्योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्‍वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है।

 

यूहन्ना 16:33
मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कहीं हैं कि तुम्हें मुझ में शान्ति मिले। संसार में तुम्हें क्लेश होता है, परन्तु ढाढ़स बाँधो, मैं ने संसार को जीत लिया है।

 

स्रोत: यीशु मसीह का अनुसरण करते हुए

 

कष्ट और शोधन में परमेश्वर  की इच्छा क्या है?  आज का बाइबल पाठ को पढ़िए , परमेश्वर की कृपा से परमेश्वर की इच्छा को जानें!

 

बाइबल वचन हिंदी में, इसमें प्रेम, आस्था, प्रार्थना, आशीष, विवाह इत्यादि संबंधी पद शामिल हैं। आवश्यकता अनुसार पदों की खोज में  यह बहुत ही सुविधाजनक है

 

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